रूपांतरित जीवन, भाग 5—उत्साह के साथ प्रभु की सेवा करना

Hindi Editor May 28, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Serving The Lord Enthusiastically”) इस बात का एक प्रमाण कि किसी व्यक्ति को पवित्र आत्मा रूपांतरित कर रहा है, यह होता है कि वह व्यक्ति प्रभु की सेवा उत्साह से करता है | विश्वासियों को, मन के नए हो जाने के कारण बदलते जाने…

रूपांतरित जीवन भाग 4—निष्कपट [सच्चा] प्रेम के 3 गुण

Hindi Editor May 14, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life–3 Characteristics of Sincere Love”) उबुन्तु [Ubuntu] नामक एक open source लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम है | Open source का अर्थ है कि यह अपने यूज़र्स को इस साफ़्टवेयर का प्रयोग करने और उसमें आवश्यक परिवर्तन और सुधार करने के लिए Source Code को उपलब्ध कराता है…

रूपांतरित जीवन भाग 3—एक दूसरे की सेवा के लिए हमारे आत्मिक वरदानों का प्रयोग

Hindi Editor April 30, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Using Our Spiritual Gifts To Serve One Another”) रोमियों 12:1-2 में, पौलुस परमेश्वर की दया के प्रकाश में मसीहियों द्वारा अपनी देह और मन को एक जीवित बलिदान के रूप में अर्पित करने के मसीही उत्तरदायित्व के बारे में बात करता है | रोमियों…

रूपांतरित जीवन: भाग 2—अपने मन को मसीह को अर्पित करना

Hindi Editor April 16, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Offering Our Minds To Christ”) विश्वासियों को रोमियों 12:1 में परमेश्वर की दया प्राप्त करने के कारण अपनी देहों को एक जीवित बलिदान के रूप में अर्पित करने की बुलाहट देने के पश्चात, पौलुस आगे बढ़ते हुए रोमियों 12:2 में उन्हें अपने मनों को…

रूपांतरित जीवन: भाग 1—हमारी देह को मसीह को अर्पित करना

Hindi Editor April 2, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Offering Our Bodies To Christ”) यदि आप अपने दिन–प्रतिदिन के जीवन में और अधिक यीशु मसीह के समान बनने की इच्छा रखते हैं, तो मैं आपको रोमियों 12 की यात्रा में आमंत्रित करता हूँ | यह अध्याय बाईबल के सर्वाधिक महत्वपूर्ण अध्यायों में से…

धन्य–वचन: भाग 9–धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं

Hindi Editor March 19, 2024 Comments:0

(English version: “Blessed Are Those Who Are Persecuted”) यह धन्य–वचन लेख–श्रृंखला के अंतर्गत नौवां लेख है | धन्य–वचन खण्ड, मत्ती 5:3-12 तक विस्तारित है, जहाँ प्रभु यीशु 8 मनोभावों के बारे में बताते हैं, जो उस प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में होना चाहिए जो उसका अनुयायी होने का दावा करता…

धन्य–वचन: भाग 8 धन्य हैं वे जो मेल कराने वाले हैं

Hindi Editor March 5, 2024 Comments:0

(English version: “Blessed Are The Peacemakers”) यह धन्य–वचन लेख–श्रृंखला के अंतर्गत आठवाँ लेख है | धन्य–वचन खण्ड मत्ती 5:3-12 तक विस्तारित है | यहाँ प्रभु यीशु ऐसे 8 मनोभावों के बारे में बताते हैं, जो उस प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में होना चाहिए जो उसका अनुयायी होने का दावा करता…

धन्य–वचन: भाग 7 धन्य हैं वे जिनके मन के शुद्ध हैं

Hindi Editor February 20, 2024 Comments:0

(English Version: “Blessed Are The Pure In Heart”) यह धन्य–वचन लेख–श्रृंखला के अंतर्गत सातवाँ लेख है | धन्य–वचन खण्ड मत्ती 5:3-12 तक विस्तारित है | यहाँ प्रभु यीशु ऐसे 8 मनोभावों के बारे में बताते हैं, जो उस प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में होना चाहिए जो उसका अनुयायी होने का…

धन्य–वचन: भाग 6 धन्य हैं वे जो दया करते हैं

Hindi Editor February 6, 2024 Comments:0

(English version: “Blessed Are The Merciful”) यह धन्य–वचन लेख–श्रृंखला के अंतर्गत छठवा लेख है | धन्य–वचन खण्ड मत्ती 5:3-12 तक विस्तारित है, जहाँ प्रभु यीशु ऐसे 8 मनोभावों के बारे में बताते हैं, जो उस प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में होना चाहिए जो उसका अनुयायी होने का दावा करता है…

धन्य वचन: भाग 5 धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं

Hindi Editor January 23, 2024 Comments:0

(English version: “The Beatitudes –  Blessed Are Those Who Hunger And Thirst For Righteousness”) यह धन्य–वचन लेख–श्रृंखला के अंतर्गत पाँचवा लेख है | धन्य–वचन खण्ड मत्ती 5:3-12 तक विस्तारित है, जहाँ प्रभु यीशु ऐसे 8 मनोभावों के बारे में बताते हैं, जो उस प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में होना चाहिए…