रूपांतरित जीवन भाग 15—एक दूसरे के साथ सामंजस्यता में जीवन बिताओ

Hindi Editor October 15, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Live in Harmony With One Another”) रोमियों 12:16 यह आज्ञा देता है: “आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो |”  हमारा विषय है, एक दूसरे के साथ सामंजस्यता में जीवन…

रूपांतरित जीवन भाग 14—रोने वालों के साथ रोओ

Hindi Editor October 1, 2024 Comments:0

(English version: The Transformed Life – Weep With Those Who Weep – Part 2) रोमियों 12:15ब में “रोने वालों के साथ रोने” या “शोक करने वालों के साथ शोक करने” के लिए दी गई परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने का प्रयास करते समय, “क्या नहीं करना है” के संबंध में…

रूपांतरित जीवन भाग 13—रोने वालों के साथ रोओ

Hindi Editor September 17, 2024 Comments:0

(English version: The Transformed Life – Weep With Those Who Weep – Part 1) रोमियों 12:15 का द्वितीय भाग हमें, “रोने वालों के साथ रोने” या “शोक करने वालों के साथ शोक करने” की आज्ञा देता है | हमारी मित्रता को पक्का बनाने में ‘दुःख’ की जो भूमिका होती है, वैसी…

रूपांतरित जीवन भाग 12—जो आनंद करते हैं उनके साथ आनंद करो

Hindi Editor September 3, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Rejoice With Those Who Rejoice”) रोमियों 12:15 हमें आज्ञा देता है कि “जो आनंद करते हैं उनके साथ आनंद करो |” इसका अर्थ यह है कि जो विश्वासी अपने जीवन में परमेश्वर की आशीष का अनुभव कर रहे हैं, उनके आनंद को हमें उस…

रूपांतरित जीवन भाग 11—अपने सतानेवालों को आशीष दो

Hindi Editor August 20, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Bless Your Persecutors”) रोमियों 12:14, अग्रलिखित वचनों के द्वारा, समस्त विश्वासियों को उन लोगों के साथ बाईबल सम्मत व्यवहार करने की आज्ञा देता है, जो उनके साथ बुरा व्यवहार करते हैं: “अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो |” अपने…

रूपांतरित जीवन भाग 10—पहुनाई करें

Hindi Editor August 6, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Pursue Hospitality”) रोमियों 12:13 का द्वितीय भाग हमें “पहुनाई करने में लगे रहने” की आज्ञा देता है | मूल यूनानी भाषा में “पहुनाई” के लिए जिस शब्द का इस्तेमाल हुआ है, वह दो शब्दों से मिलकर बना है, पहले शब्द का अर्थ है, “प्रेम”…

रूपांतरित जीवन भाग 9—आवश्यकता में पड़े लोगों की सहायता करना

Hindi Editor July 23, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Sharing With Others In Need”) रोमियों 12:13 का पहला भाग हमें आज्ञा देता है कि, “पवित्र लोगों को जो कुछ आवश्यक हो, उसमें उनकी सहायता करो |” हिन्दी बाईबल में प्रयुक्त ‘सहायता’ शब्द के लिए मूल भाषा यूनानी में ‘कोईनोनिया’ शब्द का प्रयोग हुआ है,…

रूपांतरित जीवन—भाग 8 विश्वासयोग्यता से प्रार्थना करना

Hindi Editor July 9, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Faithful Praying”) प्रार्थना, रूपांतरित जीवन का एक अभिन्न भाग है | इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि रोमियों 12 में रूपांतरित जीवन का वर्णन करते हुए पौलुस विश्वासियों को “विश्वासयोग्यता से प्रार्थना” करने के लिए बुलाता है, वह कहता है, “प्रार्थना में…

रूपांतरित जीवन भाग 7—दुःख को सहने के लिए 6 प्रेरणायें

Hindi Editor June 25, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – 6 Motivations To Endure Suffering – Part 1,” “The Transformed Life – 6 Motivations To Endure Suffering – Part 2”) रोमियों 12:12ब  में “क्लेश में स्थिर” रहने, की आज्ञा दी गई है | ऐसा करना बिल्कुल भी आसान कार्य नहीं है | परन्तु, जब…

रूपांतरित जीवन भाग 6—आशा में आनंदित

Hindi Editor June 11, 2024 Comments:0

(English version: “The Transformed Life – Rejoicing In Hope”) तीसरी शताब्दी में एक व्यक्ति ने अपनी मृत्यु का पूर्वानुमान लगाते हुए अपने एक मित्र को ये अंतिम शब्द लिख भेजे: “यह एक बुरा, भयंकर बुरा संसार है | परन्तु मैंने कुछ शांत और पवित्र लोगों को पाया है, जिन्होंने इस…